वो मशरूफ है सफर में, मैं पश़ेमां मंजिलों में, हो काश इक बार ऐसा दौर आए, सफर हम मंजिलों तक कर ही जाए, वो चलता कैमरों में यादें बसाते, मैं चलती कैनवास पे नई यादें सजाते।। #nojotopatna2#कैमरे के पार#कसक