इश्क़ का यारों अपना उसूल है... ना बिकाऊ हैं इसकी दीवारें ना कोई कीमत इनकी लगा सकता है! कभी कभी मुश्किलें देता जरुर है मगर परखे बिना इश्क़ क्या इश्क़ हुआ ! ये एक ही शख़्स में खुदा को देखता है पागल है ये खुद हमें भी पागल कर देता है! जब इश्क़ होता है तो तब्दीलियां आती हैं धड़कन और सांसे दोनों बेवफ़ा हो जाती हैं! ये कभी नहीं कहता कि जिस्म को छुओ ये तो सिखाता है सलीका सादगी का! बंजर जमीन में गुल खिलने लगते हैं जब आशिक़ दरमियान मिलने लगते हैं! हां लगने लगती हैं बंदिशें लोगों की मगर ये इश्क़ है कब डरा है जो अब डरेगा! इसे पहचाना नहीं आता है आज तलक कि इश्क़ एक ही मजहब में होता है! कह देता है ये सरेआम ही अक्सर क्या इश्क़ में मजहब भी होता है ? #दास्तां_ए_इश्क़ #truelove #realLove #meaning #love #shayari #nojoto