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"सानी"अब मोहताज़ नहीं फक़त पांच वक्त के नमाज़ों का। ज

"सानी"अब मोहताज़ नहीं फक़त पांच वक्त के नमाज़ों का।
जब भी ख़्याल आता है, सर झुक जाता है,परवरदिगार में।।

(Saani) ख़्याल परवरदिगार। #Shayari
"सानी"अब मोहताज़ नहीं फक़त पांच वक्त के नमाज़ों का।
जब भी ख़्याल आता है, सर झुक जाता है,परवरदिगार में।।

(Saani) ख़्याल परवरदिगार। #Shayari
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Saani

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