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स्नेहकिरण भर मन्द मन्द अप्सरा की भाँति आती हो मेरे

स्नेहकिरण भर मन्द मन्द
अप्सरा की भाँति आती हो
मेरे उर के आलिन्द निलय
छवि से अपनी महकाती हो
प्रेयसी यादों को छोङ यहाँ
क्यों व्योम में तुम उङ जाती हो
मेरे उर को तुम चीर चीर
रूधिर से प्यास बुझाती हो ! #स्नेहकिरण
स्नेहकिरण भर मन्द मन्द
अप्सरा की भाँति आती हो
मेरे उर के आलिन्द निलय
छवि से अपनी महकाती हो
प्रेयसी यादों को छोङ यहाँ
क्यों व्योम में तुम उङ जाती हो
मेरे उर को तुम चीर चीर
रूधिर से प्यास बुझाती हो ! #स्नेहकिरण