बस यही सोच कर हमने आँखों पर चश्मे न पहने की कब तेरी आवाज आए और हम पलटने मे देर न कर दे, जब हमने कदम रखा तेरे जिंदगी मे तेरे बनाये हुए दायरों की हिफाजत की इतना आसान नहीं तेरे साथ तेरे बनाये दायरों को हिफाजत से रखना, कितने दिन हो गए तेरे बस्ती मे आए हुए मेरी जांं. एक खला है जिसको तेरी मौजूदगी भी नहीं भर सकीं जिंदगी तेरे होठों जैसी खूबसूरत है जिंदगी वो है जिसको देखने के लिए चश्मों का होना जरूरी नहीं इससे पहले कि देर हो आ मेरे पास बैठ मेरे सीने पर सर रख, तू जानती है कि वक्त कितना कमदर्फ है, #LostTracks Madhvi #Koi #fariyad #fariyad_aashiq_ki