आज भी बारिश हुई मै फिर भागी दौड़ी आयि गिरते- उठते. एक खयाली फिक्र कि खातिर... उस गलियारे पे जहा अक्सर हम बारिश में भीग लिया करते थे अफसोस वो बारिश भी थी ,और मै भी पर शायद तुम्हे ही फुर्सत ना थी गलियारे पे आने की। #बारिश#प्याएकीबरिश