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जाने क्यु तुम्हारे साथ की आदत सी पड़ गयी। अंधेरो से

जाने क्यु तुम्हारे साथ की आदत सी पड़ गयी।
अंधेरो से उजाले की ओर जाने की चाहत मुझे तुम तक ले गयी
हवा के झोकों सी बात करती हुई बस बहती चली गयी।
हर घड़ी हर लम्हें मे बस तुम्हे ढुंढती रह गयी,
यू वक्त बेवक्त दिन के उजाले मे मेरा चाँद ढुंढती रही।
इसे पागलपन कहो या एक अद्भूत एहसास ,
छत पर बैढ उस चमकते तारें से अपने चाँद की दास्तां दोहराने लगी।
अब जब बात तुम्हारी हो ,तो सबको शांत करने लगी,
तुम्हारी धड़कनो को सुन सकु ,तुम्हे महसूस कर सकु
यू परवत ,शिखर पार कहीं दूर चल सकु
यू दूर प्रकृति मे तुम्हारे एहसास के साथ  गुम हो सकु
बस इतनी सी अरदास करने लगी ☺️ #share #support #beginner #writewhatyoufeel
जाने क्यु तुम्हारे साथ की आदत सी पड़ गयी।
अंधेरो से उजाले की ओर जाने की चाहत मुझे तुम तक ले गयी
हवा के झोकों सी बात करती हुई बस बहती चली गयी।
हर घड़ी हर लम्हें मे बस तुम्हे ढुंढती रह गयी,
यू वक्त बेवक्त दिन के उजाले मे मेरा चाँद ढुंढती रही।
इसे पागलपन कहो या एक अद्भूत एहसास ,
छत पर बैढ उस चमकते तारें से अपने चाँद की दास्तां दोहराने लगी।
अब जब बात तुम्हारी हो ,तो सबको शांत करने लगी,
तुम्हारी धड़कनो को सुन सकु ,तुम्हे महसूस कर सकु
यू परवत ,शिखर पार कहीं दूर चल सकु
यू दूर प्रकृति मे तुम्हारे एहसास के साथ  गुम हो सकु
बस इतनी सी अरदास करने लगी ☺️ #share #support #beginner #writewhatyoufeel
kavyajoshi2634

kavya joshi

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