अजीब पहेलियों का शहर है जनाब यहाँ की सुबह भी थोड़ी सुनसान है रातें तो यहाँ की वक़्त ढलने के बाद भी जवान है यूँ लम्हों के ख्वाब में खोया जो गुनहगार है थाने में लगता है कोई आया नया थानेदार है वक़्त की बरकत ही तो अता है वरना कौन यहां खुद में अता सब लापता हैं #paheliya#sehar#rat#gunehgar#Nojoto#Kavishal