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हृदय को तोड़ जाते हो। अदा से दिल जलाते हो।। कहो



हृदय  को तोड़ जाते हो।
अदा से दिल जलाते हो।।

कहो कैसे जिएँ तुम बिन,
मुझे  क्यों छोड़ जाते हो।

रखे  हो  पास दिल मेरा,
तभी   बातें   बनाते  हो।

वफा  को  छोड़ दूँ कैसे,
भले  मुझको सताते हो।

दिया है जख्म़ बस मुझको,
नहीं  मरहम  लगाते  हो।।

©कमलेश मिश्र
  दिल की बेचैनी.....

दिल की बेचैनी..... #कविता

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