#OpenPoetry मीठे बोल बोलने वाले इंसान को जब ' बेवजह तीखे और अभद्र शब्द सुनने को मिले" तो निश्चय ही उसे बहुत दुख पहुंचता है.. पर जब खुद तीखे बोल बोलने वाले इंसान को' अपनी ही बोल के जवाब जब तीखे शब्दो में मिले" तो उसे फिर किस बात का दुख होता है ? अपने लिये लोगो के दिल में प्यार चाहते हो' और खुद अपने दिल मे उन्ही लोगो के लिये जहर पालते हो" दूसरे के लिये बुरा चाहने वालों' तुम खुद के लिये दूसरों से कैसे भला चाह लेते हो? अपनी राह (किस्मत) के काँटे चुन-चुनकर' किसी और की राह में उन्हे डालने की चाह कैसे रख लेते हो! जो वजह है ही नही तुम्हारे जीवन के दुखो का" तुम उसी इंसान की आंखों में आंसू देखने की चाह दिल में क्यूँ पालते हो? सुबह उठकर जब मन्दिर में हाथ जोड़ते हो" तो कैसे तुम उस ईश्वर से भी नजर मिला लेते हो? खुद के दुख का इस जहाँ में ढिंडौरा पीटने वालों' तुम कैसे दूसरों के दुख को देखकर मुस्कुरा लेते हो? क्या कर्मो की मार से तुम बिल्कुल भी नही डरते हो? #Karma