White वो हमसे ही हमारे हौसले छीनकर ले जाने लगे। हमारी हंसती खेलती दुनिया को खंडहर बनाने लगे। हमने कहा उनसे की बड़ी मुश्किल से बनाई है ये इमारतें। वो हलके से देखे और मुस्कुराने लगे। वो हमसे ही हमारे हौसले छीनकर ले जाने लगे। हमारी हंसती खेलती दुनिया को खंडहर बनाने लगे। क्या मेरी हर एक आहट का तुझे एहसास भी है। मका में ईंट पत्थर से अलग मेरी सांस भी है। टूटकर बिखर गया हूं मैं मोतियों सा। मैं फिर से संजोया जाऊं मुझमें वो प्यास भी है। मुझे भी सजाने दो मेरे सपने । अब तो परिंदे भी अपना आशिया बनाने लगे। वो हमसे ही हमारे हौसले छीनकर ले जाने लगे। हमारी हंसती खेलती दुनिया को खंडहर बनाने लगे। हमने कहा उनसे की बड़ी मुश्किल से बनाई है ये इमारतें। वो हलके से देखे और मुस्कुराने लगे। ©Sandip rohilla #Sad_shayri Shilpa Yadav vkyadav #शून्य राणा shiza Sherni