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चारों युगों का समयकाल अवधि। **********************

चारों युगों का समयकाल अवधि।
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346.6 वर्ष सतुयुग
260.2 वर्ष  त्रेता 
173.8 वर्ष  द्वापर 
87.4 वर्ष   कलयुग 
पांच हजार वर्ष का एक वर्ष दिन होता है प्रत्येक युग का ।
 कलयुग में भी 60000 वर्ष तक 12 वर्ष की आयु 
 तक धरती देवभूमि रुप पुजनीय होगी सम्पूर्ण पृथ्वी ‌‌।
जल्दी ही निखार लाएगी ।
सम्पूर्ण सृष्टि में हमारी प्रकृति और संस्कृति।
 कुछ वर्षों में ही कलयुग का विष काल खत्म होने वाला है।
जो बित गया यह विषकाल वही था ।
 जो शिव शक्ति ने काल कुट अपने कण्ठ में रोका गया था ‌।
 समुद्र मंथन के देवताओं और दैत्यों की प्रार्थना करने पर।
अगले वर्षों में जब तक विष्णु जी की शादी नहीं होगी ।
 पृथ्वी पर कलयुग काल में जब तक नारीशक्ति ही आएगी।
जन्म लेंगी धरती पर।
  इस नियम के लिए वर्षों तक पृथ्वी पर 
महान देवियां ही जन्म लेती रहेगी निरंतर।
 धरती पर ‌साथ ही वहीं निंरतर अपने तपोबल से ।
पृथ्वी की मुल धरातल को अच्छी तरह से शुद्ध करेगी ‌।
 वर्तमान में स्वयं नारी शक्ति पहचान प्रकटीकरण करना। 
  मुश्किल हो गया है कलयुग काल में ही पुरुषार्थ शक्ति के समक्ष।
 यह मेरी वाणी श्री गीता जी गुप्त रहस्य भाव बताया है।

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