Alone भाई को समर्पित एक छोटी सी कविता "कहना चाहता हुं मगर आपके कान तरस जायेगे" तुझसे रूठा हुं भाई खुद से टुटा हुं भाई एक माँ-बाप के है फिर क्यों हुए अलग-अलग बचपन में कोई शिकायते न थी अब नफरतो के बागान क्यों है मार्मिक कविता