किस बात का अभिमान करते हो, उसके बनाए इंसान हो, उससे ही न तुम डरते हो, सोचते हो सब कुछ तुम कर रहो हो, ये जान कर भी की हर सांस, उसकी दी हुई भर रहे हो, जो दिया उस रब को उसका शुक्रिया करो, करो किसी की मदद, स्वार्थ से न तुम भरो। ❤ प्रतियोगिता- 703 ❤आज की कविता प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"अभिमान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल हिंदी भाषा के शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I 🌟wallpaper को contrast करते हुए ध्यान रहे कि ये visible हो।