हां मैं आभारी हूं तुम्हारी उस स्पर्श के लिए जो मेरे भीतर मुझ को जीवंत कर जाता है आज के युग में स्त्री को किसी भी चीज में पुरुष पर डिपेंड नहीं रहना चाहिए ,,, वह सिर्फ उस प्रेम को मांगे जो निस्वार्थ है,, आज वह पढ़ लिख कर अपने सपने खुद पूरे कर सकती है। अपने के लिए मनपसंद चीजें ले सकती है। क्यों उसको जन्मदिन और एनिवर्सरी में पुरुष द्वारा रिझाने के लिए कोई महंगी गिफ्ट चाहिए,,,