पंछी आया कुछ दिन ठहरा किया घोंसला एक दिन खाली हुआ बगीचा फिर से सूना सूनी हर एक फूल की डाली परदेसी तो देश को जाये, पर मन को कैसे समझाए उजड़ी बगिया किसे दिखाये, फूट फूट कर रोता जाय उस कोने में बैठा माली..................... पंछी आया कुछ दिन ठहरा किया घोंसला एक दिन खाली ©Priya Chaturvedi #Trees