देवी पुराण में दुर्गा हिमालय को बताती है कि ब्रह्म की साधना करो। गीता जी में ब्रह्म कहता है कि पूर्ण ब्रह्म की शरण में जाओ, मैं भी उसी की शरण में हूं।