किताबें बहुत सी पढ़ी हमने ज्ञान तजुर्बों ने दिया हमको ॥॥ दोस्त तो बहुत बनाए थे हमने हमदर्द कुछ कम मिले हमको ॥॥ नशे तो बहुत किये हमने खुमारी चढ़ी नही कभी हमको ॥॥ वफ़ा की थी सभी के साथ हमने गले किसी ने लगाया नहीं हमको ॥॥ पेड़ बन कर छाया दी थी सभी को हमने “तल्ख़” अपनी ही छाया नही मिली कभी हमको ॥॥ ©D. J. #reading shayari on life