ओ: आज के दिन नुमाइशें करने वाले मेरे अज़ीज़ दोस्तो माँ बहन बेटियों|| तुम्हें ज़रा भी गम ए हुसैन नहीं|| तुम्हें नुमाइश करने के बहाने भी क्या खूब दिए कॉम ने|| बेहद अफसोस ऐसी कॉम पर..! 😢 9 मोहर्रम