काटों की राहों पे चलकर राहों में तुम्हारी फूल बिछा दुंगा तुम्हारी हर एक मुस्कुराहट पर नई ग़ज़ल बना दुंगा तुम इसारा तो करो एक बार ये वादा है मेरा चांद तुम्हारे कदमों में झुका दुंगा kati ki raho pe chal kar#nojoto shayri