विकृत मानसिकता... Message holder poetry कविता नीचे कैप्शन में... आज पढ़ते हैं कुछ इंसान की इंसानियत... समाज की प्रभुता व मानसिकता के किस्से.. आप सुनोगे क्या ? समाज में जिनकी हँसी सुनके , आपको हँसी आ जाये उनकी हँसी में भी प्यारे हँसना क्या ? जिनकी बोली सुनकर मेढ़क भी बोलना भूल जाए उनकी वाणी को सुनने में भई सुनना क्या ? जो खुद को , खुद में , खुद से सर्वज्ञ समझते हैं उसको सरेआम समझाने में भाई समझाना क्या ?