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इतने बंधनों में जकड़े हैं‍ हम भूल चुके ‌हैं‌ खुद क

इतने बंधनों में जकड़े हैं‍ हम
भूल चुके ‌हैं‌ खुद के ग़म
त्योहारों में अब कहां सरगम
बे जुबां‌ से हो गये हैं ‌हम। 

बस राजदार अपना यह मोबाइल
चलो इसे बता दो अपने मसाइल
महसूस करेंगे तुम्हें उन लफ़्ज़ों में
बंद जो हैं फर्ज ओ लाज के कब्जों में।।

©Mohan Sardarshahari राजदार

#holikadahan
इतने बंधनों में जकड़े हैं‍ हम
भूल चुके ‌हैं‌ खुद के ग़म
त्योहारों में अब कहां सरगम
बे जुबां‌ से हो गये हैं ‌हम। 

बस राजदार अपना यह मोबाइल
चलो इसे बता दो अपने मसाइल
महसूस करेंगे तुम्हें उन लफ़्ज़ों में
बंद जो हैं फर्ज ओ लाज के कब्जों में।।

©Mohan Sardarshahari राजदार

#holikadahan