स्त्री का मासूम चेहरा और चंचल_चितवन उसके के लिए वरदान भी है और यही शाप भी है उसके लिए स्त्री मुंडेर नहीं किसी छत की जिस पर कोई भी परिंदा आकर बैठ सके स्त्री वो कमरा है जिसमें उसी व्यक्ति को प्रवेश मिलता है जिसके पास स्त्री के हृदय की चाबी होगी उसके बंजारा_मन का ठहराव होगा ... नाराज़ सबेरा ,, ©NiTiN NaNDaN #doori