मुक़द्दर है, कि ख़्वाब देख सकते हो उनका क्या जिन्हें नींद भी नसीब नहीं वो दरिया भी क्या दरिया, जिन्हें कहीं समुंदर तो कहीं ज़मी भी नसीब नहीं ।। ©aawazdoabhi #seaside