स्त्री सिगरेट नहि की छूने लगी उंगलियाँ तुम्हारी फेंक दो तुम जली, अधजली, सुलगती कही भी एसी किताब भी नहि की छिपकर पढ़ो छिपाकर रख दो टाईम-पास भी नहि है खाली वक़्त भरो डिस्पोजिबल नहि है स्त्री आंच है उर्जा और प्रेरणा देती हैं जब छली जाती है सब कुछ डिस्पोज कर देती है ।। ©The word bucket ..'स्त्री'.. . #poetry_addicts #Shayar #nojotowritersclub #writer #nojoto