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जब कुछ होश सम्भाला हमने फिर जीवन में वो जादूगर आए

जब कुछ होश सम्भाला हमने 
फिर जीवन में वो जादूगर आए
भाई बहन या मित्र सखा हों
सब ही तो इस मन को भाए ।
मैं हंसता तो ये हंसते हैं
मैं रोता तो ये भी रोते हैं
मैं जब भी हारा या थका कभी
ये हरदम आजू बाजू होते हैं ।
इनकी जादू की झप्पी जैसे
बस मिले तो सब दुख गायब हैं
मैं रहूं कहीं भी पास दूर
इनके जलवे तो बस नायब हैं ।
सब मन के या बेमन के मैने
राज इनसे ही खोले है
जब चाहें ये बन जायें जमूरा
ये जादूगर बड़े ही भोले हैं ।।
जारी है......

©Dinesh Paliwal #Mitra #Bandhu
जब कुछ होश सम्भाला हमने 
फिर जीवन में वो जादूगर आए
भाई बहन या मित्र सखा हों
सब ही तो इस मन को भाए ।
मैं हंसता तो ये हंसते हैं
मैं रोता तो ये भी रोते हैं
मैं जब भी हारा या थका कभी
ये हरदम आजू बाजू होते हैं ।
इनकी जादू की झप्पी जैसे
बस मिले तो सब दुख गायब हैं
मैं रहूं कहीं भी पास दूर
इनके जलवे तो बस नायब हैं ।
सब मन के या बेमन के मैने
राज इनसे ही खोले है
जब चाहें ये बन जायें जमूरा
ये जादूगर बड़े ही भोले हैं ।।
जारी है......

©Dinesh Paliwal #Mitra #Bandhu