प्यार का मार्केट कपडे हो ना हो,दूसरे से मांग लाऊंगा। हनी सिंह,तो कभी रणबीर मैं बन जाऊंगा। एक फूल,चोकलेट तुम्हे घुमाकर,घर छोडने की कुछ दिन परंपरा निभाऊगा। फिर धीरे-धीरे ही सही विश्वास अपना ,तुम पर जगाऊंगा। मौका मिलते ही, अधिकार तुम पर जताऊगा। सुनसान जगहो पर,छूना तुमको चाहूंगा। बिन किस किये तो,प्यार नही बिकता मै जिस्मानी संबंध,तुमसे बनाऊंगा। फिर तुमको मै,हमेशा के लिए मजबूरी बताकर,छोड चला जाऊंगा। प्यार का नया मार्केट है यारो यहा सारे इमोशन की बोली मै बेचकर,खाऊगा।----नीता चौधरी © #लव और रोमांस,#समाज और संस्कृति#कविता #BooksBestFriends