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हर भीड़ से हर रेले से , मैं कबका छूट चुका हूँ तन्हा

हर भीड़ से हर रेले से , मैं कबका छूट चुका हूँ
तन्हाई में अक्सर खुद ही खुद को लूट चुका हूँ
तेरा सहारा है ज़िन्दगी, जिंदगीभर तू साथ रहे
बस तुझे पता है आखिर मैं कितना टूट चुका हूँ  #Breakedinnersoul
हर भीड़ से हर रेले से , मैं कबका छूट चुका हूँ
तन्हाई में अक्सर खुद ही खुद को लूट चुका हूँ
तेरा सहारा है ज़िन्दगी, जिंदगीभर तू साथ रहे
बस तुझे पता है आखिर मैं कितना टूट चुका हूँ  #Breakedinnersoul
shubham6499

Shubham

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