राधे कुछ तो करो,हो खबर यार की। उसके बिन ना जरूरत,है संसार की। जब से हुई है जुदा,चैन आता नहीं। इक उसके सिवा,कुछ भी भाता नहीं। माथा टेकुंगा आके तेरे दरबार की। राधे कुछ तो करो,हो खबर यार की। उसके बिन ना जरूरत है संसार की। सोच है गर सफर,तो है मंजिल वही। प्रेम है गर भंवर,तो है साहिल वही। झोली भर दांतिये,मेरे भी प्यार की। राधे कुछ तो करो,हो खबर यार की। उसके बिन ना जरूरत है संसार की। हर सितम उसके संग,मै सह जाऊंगा। बिन उसके ना एक पल भी रह पाऊंगा। मर के कसमें निभाऊंगा मैं एतबार की। राधे कुछ तो करो,हो खबर यार की। उसके बिन ना जरूरत है संसार की। ©Anand S.....