है इस जग का , ये अमिट कहानी , निराशा ही करता , संभव को असंभव भाई , कहता निराला मन , सुन लो यहां , टूटते पत्थर ही रौंदे जाते , तलवों के नीचे यहां , पूजे जाते वही हरदम , जिनपर ना पड़े , प्रहारों के प्रभाव यहां ।🤔 धन्यवाद 🙏 कड़वी सच्चाई