किसी शाम रुक जाओ ना ये सूरज के ढलते ही तुम चले क्यों जाते हो ? अब तुम कहो तुम संग वक्त बिताने को अगली दफा सूर्यास्त को रोके हम या तुम्हें ©katha(कथा ) #tereliye प्रेम में कुछ भी संभव ,असंभव नहीं होता प्रेम में केवल प्रेम होता है! #शून्य राणा नीर