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किसी शाम रुक जाओ ना ये सूरज के ढलते ही तुम चले क्

किसी शाम
रुक जाओ ना 
ये सूरज के ढलते ही तुम चले क्यों जाते हो ?


अब तुम कहो 
तुम संग वक्त बिताने को 
अगली दफा

सूर्यास्त को रोके हम या तुम्हें

©katha(कथा ) #tereliye 
प्रेम में कुछ भी संभव ,असंभव 
नहीं होता 
प्रेम में केवल प्रेम होता है! Arpita+ve soul  Gautam  #शून्य राणा  नीर  Sircastic Saurabh
किसी शाम
रुक जाओ ना 
ये सूरज के ढलते ही तुम चले क्यों जाते हो ?


अब तुम कहो 
तुम संग वक्त बिताने को 
अगली दफा

सूर्यास्त को रोके हम या तुम्हें

©katha(कथा ) #tereliye 
प्रेम में कुछ भी संभव ,असंभव 
नहीं होता 
प्रेम में केवल प्रेम होता है! Arpita+ve soul  Gautam  #शून्य राणा  नीर  Sircastic Saurabh