Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल में गर यादें बसी हों, बस हमारे ही लिए। नज़्र

दिल में गर यादें बसी हों, बस हमारे ही लिए।
नज़्र  बे - पर्दानशीं  हों, बस हमारे  ही  लिए।
दर्द   सारे   गम  तुम्हारे  हैं   मुझे  मंजूर  पर,
होंठ पर  तेरे हंँसी  हो, बस  हमारे  ही  लिए।
अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'
प्रयागराज
(पूर्णतः मौलिक स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित)










,

©अरुण शुक्ल 'अर्जुन'
  https://youtube.com/shorts/7GO4yN8_-9w?feature=share

https://youtube.com/shorts/7GO4yN8_-9w?feature=share #शायरी

843 Views