राधा रानी राधे राधे जपो, मन में बसाओ वृंदावन की रानी, चरणों में सिर झुकाओ। श्याम की प्रिया, प्रेम की मूरत राधा रानी, तुम हो सृष्टि की सुरत। तेरे बिना अधूरी, कन्हैया की रास तुमसे ही सजे, वृंदावन का वास। राधे राधे जपो, मन में बसाओ वृंदावन की रानी, चरणों में सिर झुकाओ। मीठे तेरे बोल, मधुर तेरा नाम प्रेम की हो देवी, गोपी गोवर्धन, सब तेरी महिमा गायें तेरे दर पे आकर, सब दुखी सुख पायें। राधे राधे जपो, मन में बसाओ वृंदावन की रानी, चरणों में सिर झुकाओ। पुष्पों की सेज, मोरपंख श्रृंगार राधा रानी, तुम हो प्रेम का संसार। श्याम के मन का गहना, सृष्टि की शान तेरे चरणों में सजे, भक्तों का मान। राधे राधे जपो, मन में बसाओ वृंदावन की रानी, चरणों में सिर झुकाओ। राधे तेरे नाम का अमृत पिलाएं मन के अंधेरे, तुझसे मिट जाएं। भक्तों के जीवन में, तुम हो आधार राधा रानी, तुम हो कृपा की धार। राधे राधे जपो, मन में बसाओ वृंदावन की रानी, चरणों में सिर झुकाओ। ©kbkiranbisht radharani