White अब इस दिल के उम्मीद भी तारें बन गए.. शायद वो किसीके, तक़दीर बन गए..! कैसे कहूँ फ़िर उन्हें मै अपना.. वो तो ज़मीन छोड़, किसीके आसमां बन गए..! दूर से ही ताक़ती रहती हूँ उन्हें.. वो अब मेरे दूर के ही ,करीबी बन गए..! कुछ ख़्वाब उनके, जो पलते थे इन पलकों में.. अब वो ख़्वाब भी, वक़्त के मोहताज़ बन गए..! ©Jaya ki kalam (R) #Couple