छुटुक बेरांय अहांय अहांय बड़य डिड़ांय कांदाउले गो आज मके काहे मांय गो काहे बेचि देले गो...१ बापेकर मंय साधेक मुनु कांखे करांय रुनु झुनु सेह्अ कथा काहे बाप गो काहे भुलि गेले गो आज मके काहे बाप गो काहे बेचि देले गो....२ दादाकर मंय साधेक बहिन खेलाय हेलिस इठिन उठिन सेह कथा तंय दादा गो मने नि राखले गो आज मके काहे दादा गो काहे बेचि देले गो.....३ आदरेक मर छुटु फुफु पस्अ रहिस मानी रुपु फुफु आज तंय काहां गो काहां उड़ि गेले गो आज मके काहे फुफु गो काहे बेचि देले गो......४ सुना गो मांय काकी जेठी छाड़ि जाहन घारेक माटी कांदि कांदि सेह्अ कथा कहय हरलाले गो आज मके काहे बाप गो काहे बेचि देले गो....५ अनुवाद कैप्सन में पढ़ें🙏🙏🙏 ©Harlal Mahato बेटी विदाई के समय एक बेटी रोती हूई अपनी वेदना सुनाती है १. एक बेटी अपनी मां से पूछती है कि जब मैं(लड़की) जन्मी थी तब मैं तुम्हारी गोद में अहांय अहांय करके खूब रोयी थी।आज मैं जब बड़ी हूई तब तूने अपनी आंगन (डिड़ा)में मुझे रुला दी।मैंने ऐसी क्या गलती की है कि तू मुझे इस घर से विदाई(बेच) करा दे रही हो। २. फिर अपने पिताजी से पूछती है-ए पाप मैं तो आपकी लाडली थी न,आप तो मुझे कभी गोद में तो कभी कंधों पे रखकर हिलाते डुलाते (रुनु झुनु) थे न।पापा वो सारी बातें भूल ग ए क्या ?तो आखिर क्यूं मुझे इस आंगन से