मुझे न रोक बह जाने दे दिल का बोझ हल्का हो जाने दे, बहुत कोशिश कि ग़मों के तेरे सहारा देने की, कि संभाल सकूँ सैलाब ग़मों का मैं इतना तेरा, अब मेरे वजूद में भी शून्यता सी आ गई,तेरे दर्द के इंतेहा से बे-ख़बर मैं भी नहीं, दिल पर कितना बोझ है तेरे ख़बर है मुझको भी ,न तू कर न मुझे करा भरोसा ये ज़माना हमें संभालेगा, संभाल सकूँ मैं तेरे और मेरे वजूद को अपने,कसम से हुनर तो इतना मुझमें भी नहीं, एक आँसू का कहना था... #cinemagraphcollab #आँसूकाकहनाथा #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #tarunasharma0004 #hindipoetry #trendingquotes #feelingshurt