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समय कब हुआ है अपना, जो हर वक्त देखूं सपना, नींदे उ

समय कब हुआ है अपना,
जो हर वक्त देखूं सपना,
नींदे उड़ गई है अब तो,
जब वो न हुआ है अपना,
बेफिक्र था जीता कभी,
अब होश में हूं कहां,
जिन्दगी थी जिसके लिए,
अब जिन्दगी वो है कहां,
अरमान सभी टूटे हैं 
सपने सारे झूठे हैं,
अब भरोसा क्या करूं,
जब मैं ही नहीं रहा अपना,
जो हर वक्त देखूं सपना...! समय कब हुआ है अपना..!
समय कब हुआ है अपना,
जो हर वक्त देखूं सपना,
नींदे उड़ गई है अब तो,
जब वो न हुआ है अपना,
बेफिक्र था जीता कभी,
अब होश में हूं कहां,
जिन्दगी थी जिसके लिए,
अब जिन्दगी वो है कहां,
अरमान सभी टूटे हैं 
सपने सारे झूठे हैं,
अब भरोसा क्या करूं,
जब मैं ही नहीं रहा अपना,
जो हर वक्त देखूं सपना...! समय कब हुआ है अपना..!