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बेरोज़गारी --------------- सच तो ये है कि आज का शि

बेरोज़गारी
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सच तो ये है कि आज का शिक्षित युवा रोज़गार के रूप में सिर्फ़ सरकारी नौकरी को ही देखता है।उसके पास सृजन के विकल्प बहुत ही कम उपलब्ध हैं।हमारा समाज भी उन्हीं लोगों को प्राथमिकता देता है जो सरकारी नोकरी प्राप्त कर लेते हैं। जिन्हें नहीं मिलती बे सभी ख़ुद को बेरोज़गार कहते हैं और भत्ता प्राप्त करने की जुगत लगाते हैं।

शेष कैप्शन में पढ़ें बेरोज़गारी
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जनसंख्या की दृष्टि से प्रगतिशील भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।भौगोलिक दृष्टि से सम्पन्न और जलवायु की अनुकूलता भी बेजोड़ हैं।बर्ष भर में हमें 6 ऋतुओं का लाभ मिलता है।हम कृषि के क्षेत्र में दुनिया के तीसरे बड़े देश हैं।प्राकृतिक वनस्पतियों की उपलब्धता में हम एशिया में चौथे पायदान पर हैं तो वहीं जैव विविधता में विश्व के मुख्य 12 देशों में से एक भी।भारत में प्राकृतिक खनिजों,कृषि उत्पादों के साथ ही श्रमिकों की पर्याप्त उपलब्धता होने के कारण औधोगिक विकास की बड़ी सम्भावनाएं ह
बेरोज़गारी
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सच तो ये है कि आज का शिक्षित युवा रोज़गार के रूप में सिर्फ़ सरकारी नौकरी को ही देखता है।उसके पास सृजन के विकल्प बहुत ही कम उपलब्ध हैं।हमारा समाज भी उन्हीं लोगों को प्राथमिकता देता है जो सरकारी नोकरी प्राप्त कर लेते हैं। जिन्हें नहीं मिलती बे सभी ख़ुद को बेरोज़गार कहते हैं और भत्ता प्राप्त करने की जुगत लगाते हैं।

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जनसंख्या की दृष्टि से प्रगतिशील भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।भौगोलिक दृष्टि से सम्पन्न और जलवायु की अनुकूलता भी बेजोड़ हैं।बर्ष भर में हमें 6 ऋतुओं का लाभ मिलता है।हम कृषि के क्षेत्र में दुनिया के तीसरे बड़े देश हैं।प्राकृतिक वनस्पतियों की उपलब्धता में हम एशिया में चौथे पायदान पर हैं तो वहीं जैव विविधता में विश्व के मुख्य 12 देशों में से एक भी।भारत में प्राकृतिक खनिजों,कृषि उत्पादों के साथ ही श्रमिकों की पर्याप्त उपलब्धता होने के कारण औधोगिक विकास की बड़ी सम्भावनाएं ह