हम तो तुझ से शुरु होकर तुझ पर ही खत्म हो जाएँगे तू दो लफ़्ज लिख दे अगर मेरे लिये तो हम नज्म हो जायेगें ओर इस तरहा भरी महफिल मुझे बेवफा मत कहे जिस दिल में तुम रह्ते हो बड़ी शान से उस दिल में जख्म हो जाएँगे ©Riyashaikh sagar sh À m Á n