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जाने क्यों ? मोहब्बत में आज वो , कुछ मजबूर सा दिखा

जाने क्यों ?
मोहब्बत में आज वो ,
कुछ मजबूर सा दिखा।
पास था मेरे ,मगर थोड़ा दूर सा दिखा।
चेहरे पर उदासी थी ,
आंखों में नमी 
होठों पर खामोशी और लफ्जो की कमी,  वक्त से हारा, थका हुआ ,
 दर्द में चूर सा दिखा ,
जाने क्यों.........
 कहने को कुछ भी ख़ास नहीं ,
रही बाकी कोई प्यास नहीं 
बस खुद में खोया खोया सा 
अब जैसे कोई आस नहीं 
कुछ बिखरा सा, कुछ टूटा सा 
खुद अपने से वो रूठा सा ,
मासूम सी मुस्कुराहट में ,
वो बेबस सा बेकसूर दिखा 
जाने क्यों................


............।
jhalli

©jhalli #poetyunpluged
poetry contest
जाने क्यों ?
मोहब्बत में आज वो ,
कुछ मजबूर सा दिखा।
पास था मेरे ,मगर थोड़ा दूर सा दिखा।
चेहरे पर उदासी थी ,
आंखों में नमी 
होठों पर खामोशी और लफ्जो की कमी,  वक्त से हारा, थका हुआ ,
 दर्द में चूर सा दिखा ,
जाने क्यों.........
 कहने को कुछ भी ख़ास नहीं ,
रही बाकी कोई प्यास नहीं 
बस खुद में खोया खोया सा 
अब जैसे कोई आस नहीं 
कुछ बिखरा सा, कुछ टूटा सा 
खुद अपने से वो रूठा सा ,
मासूम सी मुस्कुराहट में ,
वो बेबस सा बेकसूर दिखा 
जाने क्यों................


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jhalli

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arishsharma2813

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