जाने क्यों ? मोहब्बत में आज वो , कुछ मजबूर सा दिखा। पास था मेरे ,मगर थोड़ा दूर सा दिखा। चेहरे पर उदासी थी , आंखों में नमी होठों पर खामोशी और लफ्जो की कमी, वक्त से हारा, थका हुआ , दर्द में चूर सा दिखा , जाने क्यों......... कहने को कुछ भी ख़ास नहीं , रही बाकी कोई प्यास नहीं बस खुद में खोया खोया सा अब जैसे कोई आस नहीं कुछ बिखरा सा, कुछ टूटा सा खुद अपने से वो रूठा सा , मासूम सी मुस्कुराहट में , वो बेबस सा बेकसूर दिखा जाने क्यों................ ............। jhalli ©jhalli #poetyunpluged poetry contest