पाबंद हूँ तक़दीर का आख़िर तो मैं क्या और मेरा इरादा क्या बेइख़्तियार सा हूँ हवाले हवा के वक़अत सूखे पत्ते से ज़्यादा क्या 11/11/20 YourQuote Baba