ये मेरे कलम की पुकार है मेरे ख्यालो पर मेरे ही सवाल है। कभी प्यार तो कभी गुस्से का उबाल है। मेरे इन २चनाओ में सिर्फ मेरे ही विचार है। कोरा कागज हो या मेरी कलम दोनो ही इन दिनों जरा गुलजार है। priya aanand jha ( सफर ए एहसास ' ) #ma shayer toh nahi part two