ये उसकी ही मोहब्बत का असर है, कि आज तक शायरी लिख रहे हैं हम......... हम अंदर से चाहें कितने परेशान हों, मगर बाहर से तो खुश दिख रहे हैं हम......... और एक सच ये भी है हमारी दास्तां का, कि हमने खुद को इस हद तक लिखा है....... आज-कल तो बाज़ार की किताबों में भी, सुबह-ओ-शाम काफ़ी बिक रहे हैं हम......... ©Poet Maddy ये उसकी ही मोहब्बत का असर है, कि आज तक शायरी लिख रहे हैं हम......... #Effect#Love#Poetry#Trouble#Inside#Outside#Truth#Story#Books#Market........