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यहां मौत भी हमें एक बार याद कर लेती पर तुम तो जि़

यहां मौत भी हमें 
एक बार याद कर लेती
पर तुम तो जि़न्दगी में ही
 हमें भुला बैठे।।

हमने कहा था शमा तुम्हें
इल्तजा इतनी सी कि रौशन करो सुरमई शाम
पर कुछ यूं बेपरवाही से नज़र की तुमने
कि हमें परवाने सा जला बैठे।।

और अगर मंज़िल बनाते तुम्हें
तो मुश्किल होता तुम्हें पाना
इसलिए ऐ जालिम
तेरे जुनून को अपनी राह बना बैठे।। हम लिखते रहेंगे - Day 3

सभी सदस्यों से निवेदन है की इसी वालपेपर पर अपना  collab करें। 
अपनी रचनाओं में दिए गए पाँचो शब्दों का प्रयोग करना अनिवार्य है। 
हमारी टीम का हैशटैग होगा #जोश_ए_कलम। 
कृपया चारों हैशटैग अपनी पोस्ट में रहना निश्चित करें। 
अपनी रचना Collab करने के पश्चात इसी पोस्ट पर comment में done ज़रुर लिखे। 
आपके पास रात 10 बजे तक का समय है, कृपया समय सीमा का खास खयाल रखे।
यहां मौत भी हमें 
एक बार याद कर लेती
पर तुम तो जि़न्दगी में ही
 हमें भुला बैठे।।

हमने कहा था शमा तुम्हें
इल्तजा इतनी सी कि रौशन करो सुरमई शाम
पर कुछ यूं बेपरवाही से नज़र की तुमने
कि हमें परवाने सा जला बैठे।।

और अगर मंज़िल बनाते तुम्हें
तो मुश्किल होता तुम्हें पाना
इसलिए ऐ जालिम
तेरे जुनून को अपनी राह बना बैठे।। हम लिखते रहेंगे - Day 3

सभी सदस्यों से निवेदन है की इसी वालपेपर पर अपना  collab करें। 
अपनी रचनाओं में दिए गए पाँचो शब्दों का प्रयोग करना अनिवार्य है। 
हमारी टीम का हैशटैग होगा #जोश_ए_कलम। 
कृपया चारों हैशटैग अपनी पोस्ट में रहना निश्चित करें। 
अपनी रचना Collab करने के पश्चात इसी पोस्ट पर comment में done ज़रुर लिखे। 
आपके पास रात 10 बजे तक का समय है, कृपया समय सीमा का खास खयाल रखे।
rabiyanizam6257

Rabiya Nizam

New Creator