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तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है... खामोश रहती है

तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है...

खामोश रहती है तेरी लंबी ज़ुबान जब,हर बार मुझे ये एहसास कराती है,
तू गलत है तेरी खामोश ज़ुबान बताती है, 
तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है...

जब -जब तू मुझे कर देता है दीवारों में बंद हर ईंटे चीख के तेरा नाम दोहराती है
,धड़कने मेरी करे जब भी बढ़ कर कानो में गूंज मुझे आभास कराती है,
के जाना तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है...

रोऊ मैं पलके भीगा के या तर करके तकिया अपना तुझे क्यों नही मेरी आँखें दिखाई दे जाती है,
फ़ोन पे बार-बार मैसेज टाइप करना नज़रे गड़ाए रखना क्यों नही मेरा इंतेज़ार तुझे सताती है ,
जाना तू गलत है तभी तो ये तेरी हरकते बताती है...

ना प्यास थी मेहबूब की ना इच्छा थी की मुझपे मर मिटने वाले कि,
एक साथ जो मैं तेरा देती हूं क्यों वो साथ तुझे बेचैन नही कर पाती हैं,
रहता है जैसे मुझे इन्तेज़ार तेरा क्यों मेरे याद करने से तुझे हिचकी तक नही आती है,
तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है। #तू#गलत#है ये तेरी हरकते बताती है...

खामोश रहती है तेरी लंबी ज़ुबान जब,हर बार मुझे ये एहसास कराती है,
तू गलत है तेरी खामोश ज़ुबान बताती है, 
तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है।
जब -जब तू मुझे कर देता है दीवारों में बंद हर ईंटे चीख के तेरा नाम दोहराती है,धड़कने मेरी करे जब भी बढ़ कर कानो में गूंज मुझे आभास कराती है,के जाना तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है ,
रोऊ मैं पलके भीगा के या तर करके तकिया अपना तुझे क्यों नही मेरी आँखें दिखाई दे जाती है,
फ़ोन पे बार-बार मैसेज टाइप करना नज़रे गड़ाए रखना क्यों नही मेर
तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है...

खामोश रहती है तेरी लंबी ज़ुबान जब,हर बार मुझे ये एहसास कराती है,
तू गलत है तेरी खामोश ज़ुबान बताती है, 
तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है...

जब -जब तू मुझे कर देता है दीवारों में बंद हर ईंटे चीख के तेरा नाम दोहराती है
,धड़कने मेरी करे जब भी बढ़ कर कानो में गूंज मुझे आभास कराती है,
के जाना तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है...

रोऊ मैं पलके भीगा के या तर करके तकिया अपना तुझे क्यों नही मेरी आँखें दिखाई दे जाती है,
फ़ोन पे बार-बार मैसेज टाइप करना नज़रे गड़ाए रखना क्यों नही मेरा इंतेज़ार तुझे सताती है ,
जाना तू गलत है तभी तो ये तेरी हरकते बताती है...

ना प्यास थी मेहबूब की ना इच्छा थी की मुझपे मर मिटने वाले कि,
एक साथ जो मैं तेरा देती हूं क्यों वो साथ तुझे बेचैन नही कर पाती हैं,
रहता है जैसे मुझे इन्तेज़ार तेरा क्यों मेरे याद करने से तुझे हिचकी तक नही आती है,
तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है। #तू#गलत#है ये तेरी हरकते बताती है...

खामोश रहती है तेरी लंबी ज़ुबान जब,हर बार मुझे ये एहसास कराती है,
तू गलत है तेरी खामोश ज़ुबान बताती है, 
तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है।
जब -जब तू मुझे कर देता है दीवारों में बंद हर ईंटे चीख के तेरा नाम दोहराती है,धड़कने मेरी करे जब भी बढ़ कर कानो में गूंज मुझे आभास कराती है,के जाना तू गलत है ये तेरी हरकते बताती है ,
रोऊ मैं पलके भीगा के या तर करके तकिया अपना तुझे क्यों नही मेरी आँखें दिखाई दे जाती है,
फ़ोन पे बार-बार मैसेज टाइप करना नज़रे गड़ाए रखना क्यों नही मेर