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छेनी और हथौड़ी की मार सहे पाषाण। कष्ट झेलकर ही बन

छेनी और हथौड़ी की मार सहे पाषाण।
 कष्ट झेलकर ही बनता है भगवान।
माता-पिता, गुरु, डाट लगावें चार ।
कभी बुरा मत मानिए ये जीवन के हार।

©Ganesh Din Pal
  #सफलता_का_रहस्य