कैद हैं वो अपने ही आशियाने में आजादी का मतलब उन्हें अब खूब समझ में आ रहा है, कहो, अब तो परिचित होगे उस दर्द के भाव से जिस दर्द से चिड़ियाघर में पड़ा वो जानवर हमेशा कराह रहा है; प्रकोप प्रकृति का यूं आप ही नहीं फूट जाता अरे! ये तो इंसान है जो उसे निरंतर खंगाल रहा है, बोलो क्या मिला तुम्हे ऐसा करके! क्या कुछ है जो अब भी शेष रह जा रहा है? #Pandemic