ज़ुल्म हज़ार हुए मुझपर दर्द ख्वाइशों को मेरी अश्कों में बदलता चला गया, हासिल क्या हुआ उनको ऐसा करके खोया जो मैंने उसका हिसाब मांगते है वो... ©Nikhil Kaushik #Victims #ज़ुल्म #julm #HindiWritings #NationalChildDay