मैं और मेरा प्रियतम दूर कहीं अम्बर के नीचे, गहरा बिखरा झुटपुट हो। वहीं सलोनी नदिया-झरना झिलमिल जल का सम्पुट हो। नीरव का स्पंदन हो केवल