एक औरत से कभी ये पूछा नहीं जाता क्या तुम इस जिम्मेदारी के लिए तैयार हो? क्या तुम ये जिम्मेदारी लेना है आरोप प्रत्यारोप लगाने वाले सब लोगों की भीड़ में अक्सर खुद को वह अकेला पाती है रह रह कर बस एक ख़्याल मन में आता है क्या मैं इस काबिल भी नहीं की कोई मुझसे मेरा हाल पूछे कोई तो कहे की हालातों के आगे कभी न झुकने वाली तुम्हारी हिम्मत को सलाम कोई तो समझे की किस तरह खुद को भूल कर वह सबका ख्याल रखती है रोज़ तन्हाई में रो कर फिर नई सुबह इस उम्मीद के साथ उठती है की कोई मेरे साथ हो न हो मेरा रखवाला मेरे साथ है और वह सब देख रहा है बिना बोले बिना दिखे वह मेरा होंसला बढ़ा रहा है की तू बस चलते चल इस सफ़र में तेरी मंजिल की डोर मेरे हाथों में है मैं इसे खूबसूरत बनाऊंगा बस चलते चल तू रुक मत विश्वास की लो जलाए रखा #हरेकृष्णा ©Preeti Rawat कुछ खयाल😇 #hopeforthebest